NEET - Biology - Neural Control and Coordination - Question solved in Hindi

Neural Control and Coordination

त्ंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय

NEET (2001 -2019)


Total Question - 41                                                   


 

1.  निम्न में कौन-सा कथन सत्य है? (NEET 2019)

(a) कॉर्निया में कोलेजन का सघन आधात्री होता है और यह नेत्र का सर्वाधिक संवेदनशील भाग है।

(b) कॉर्निया नेत्र गोलक का एक बाह्यपारदर्शी एवं रक्षी प्रोटीनी आवरण है।

(c) कॉर्निया में इलास्टिन का सघन संयोजी ऊतक होता है,जो अपनी मरम्मत कर सकता है।

(d)  कॉर्निया उत्तल पारदर्शी परत हैजो अत्याधिक संवहनित होता है।


उत्तर - (a)

व्याख्या - कॉर्निया में कोलेजन का सघन आधात्री होता है और यह नेत्र का सर्वाधिक संवेदनशील भाग है।


2. मस्तिष्क का कौन-सा भाग तापमान नियंत्रण के लिए उत्तरदायी है?(NEET 2019)

(a) मेडुला ऑब्लांगेटा

(b) सेरीब्रम

(c) हाइपोथैलेमस

(d) कार्पस कैलोसम


उत्तर - (c)

व्याख्या - हाइपोथैलेमस तापमान नियंत्रण केंद्र है इसलिए इसे शरीर का थर्मोस्टेट भी कहा जाता है। यह शरीर का तापमान लगभग 37°C बनाए रखता है।


3.  निसल के पिण्ड मुख्यतः किसके बने होते हैं?(NEET 2018)

 (a) न्यूक्लिक अम्ल एवं SER             

 (b) DNA एवं RNA

 (c) प्रोटीन एवं लिपिड

 (d) मुक्त राइबोसोम एवं RER


उत्तर - (d)

व्याख्या - कोशिका काय अथवा साइटोन में स्वतंत्र व बहुत सारे राइबोसोमपॉलिसोम व खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER) के अनियमित समूह (Masses) जो निस्सेल पिण्ड और निसेल ग्रेन्यूल के नाम से जाने जाते हैं। ये संभवतया तंत्रिका कोशिका के लिए प्रोटीन संश्लेषण करते हैं।


4.  निम्नलिखित में से कौन-सी संरचनाएँ अथवा क्षेत्र उसके कार्य से गलत रूप से युग्मित हैं? (NEET 2018)

(a)  हाइपोथैलेमस: विमोचन हॉर्मोनों का उत्पादन एवं तापमानभूख तथा प्यास का नियंत्रण करना।

(b) लिंबिक तंत्रः तंतुओं के क्षेत्र जो मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ते हैंय गति का नियंत्रण करना।

(c) मेडूला आब्लाँगेटा: श्वसन एवं हृदय परिसंचारी परिवर्तो को नियंत्रित करना।

(d)  कॉर्पस कैलोसम: बाएँ एवं दाएँ प्रमस्तिष्क गोलार्धा को जोड़ने वाले तंतुओं की पट्टी।


उत्तर - (b)

व्याख्या -सेरिब्रम के कुछ भाग व डाइएनसिफेलान मिलकर लिबिक तंत्र बनाते हैं। यह भावनात्मक व्यवहार जैसे खुशीउदासीडरमित्रतालड़ाईपसंद और नापसंद को नियंत्रित करता हैं इसलिए इसे भावनात्मक मस्तिष्क भी कहा जाता हैं। यह भोजन की आदतों व लैंगिक व्यवहार का भी नियंत्रित करता हैं जो व्यक्ति के जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं।

5.  मानव नेत्र में पारदर्शी लैंस किसके द्वारा अपने स्थान पर रहता है? (NEET 2018)

(a) आइरिस से जुड़ी चिकनी पेशियों द्वारा

(b) आइरिस से जुड़े स्नायुओं द्वारा

(c) पक्ष्माभ काय से जुड़े स्नायुओं द्वारा

(d) पक्ष्माभ काय से जुड़ी चिकनी पेशियों द्वारा

 उत्तर - (c)

व्याख्या -लैंस पारदर्शीउभयोतल (Biconvex) संरचना होती हैं जो प्रकाश की किरणों को झुका (Bends) देती हैं जब वह उसकी सतह से गुजरते हैं। मानव नेत्र में यह तंतुओं द्वारा पक्ष्माभ काय से जुड़ा रहता है।

 6. मायलिन आच्छद किसके द्वारा उत्पन्न होता है (NEET 2017)

(a) श्वान कोशिकाएँ एवं ऑलिगोडेंड्रोसाइट्स

(b) तारा कोशिका एवं श्वान कोशिकाएँ

(c) ऑलिगोडेंड्रोसाइट्स एवं अस्थिशोषक

(d) अस्थिशोषक एवं तारा कोशिकाएँ

उत्तर - (a)

व्याख्या -तंत्रिकाक्ष (Axon) के चारों ओर मायलिन आच्छदी (Myelin sheath) श्वान कोशिका (Schwann cells) व ऑलिगोडेंन्ड्रोसाइट्स का बना होता है। यह एक इन्सुलेटर परत की तरह कार्य करती है। यह तंतु से तंत्रिका आवेग की गति के दौरान ऊर्जा की हानि को रोकता है।

 7. तंत्रिप्रेषियों के ग्राही स्थान कहाँ पर स्थित होते हैं? (NEET 2017)

(a) सिनेप्टिक आशयों की झिल्लियों में

(b) पूर्व-सिनेप्टिक झिल्ली में

(c) तंत्रिकाक्ष के सिरों पर

(d) पश्च सिनेप्टिक झिल्ली में

 उत्तर - (d)

व्याख्या - तंत्रिकीय आवेग (Nerve Impulse) सिनेप्स में  न्यूरोट्रांसमीटर्स कहलाने वाले रसायनों की सहायता से संचरित होते है। न्यूरोट्रांसमीटर्स सिनेप्टीक दरार (Synaptic cleft) में सिनेप्टीक पुटिकाओं (Synaptic vesicle) द्वारा मुक्त किए जाते है। सिनेप्टिक दरार का न्यूरोट्रांसमीटर पश्च सिनेप्टिक झिल्ली के प्रोटीन ग्राही अणु से बँध जाता है। यह बंधन क्रिया पश्च सिनेप्टिक झिल्ली के झिल्ली विभव को परिवर्तित कर देती है इससे विध्रुवीकरण होता है और पश्च सिनेप्टिक झिल्ली में क्रियात्मक विभव उत्पन्न हो जाता है।

8. अच्छी दृष्टिकैरोटीन प्रचुर खाद्य पदार्थों के पर्याप्त अंतर्ग्रहण पर निर्भर करती है। (NEET 2017)

निम्न में सर्वोचित कथन का चयन कीजिए।

A. कैरोटीन से विटामिन A के व्युत्पन्न बनते हैं।

B. प्रकाशवर्णक आंतरिक खंड की झिल्लिका बिम्ब में ऋगड़े हुए होते हैं।

C. रेटिनल विटामिन A का व्युत्पन्न है।

D. रेटिनल सभी दृष्टि प्रकाशवर्णकों का प्रकाश अवशोषी भाग है।

(a) A एवं B    

(b) A,C एवं D

(c)  A एवं C    

(d) B,C एवं D

उत्तर - (c)

व्याख्या - कैरेटिनल विटामिन A का व्युत्पन्न है।रोटीन से विटामिन के व्युत्पन्न बनते हैं।

 9. सही कथन चुनिय (NEET-II 2016)

 (a) मानव नेत्र में प्रकाशग्राही अंधेरे में विध्रुवित हो जाते हैं और प्रकाश के उद्दीपन की अनुक्रिया में अतिध्रुवित हो जाते हैं।

(b) ग्राही क्रमिक विभव उत्पन्न नहीं करते हैं।

(c) नोसिसेप्टर दाब में परिवर्तनों के प्रति अनुक्रिया करते है ।

(d) मीजनर कणिकायें तापग्राही होती हैं।

उत्तर - (a)

व्याख्या -मानव आँख में प्रकाशग्राही युनिक होते है। क्योंकि ये केवल संवेदी प्रकार की कोशिकाएँ है जो कि विध्रुवित (लगभग - 35 mv) है जब ये विश्रामावस्था में होती है (अर्थात् अंधेरे में)और अतिध्रुवित (लगभग -70 mv) होती है पर्याप्त मात्रा में उजाले में प्रतिक्रिया करती है।

 नोसिसेप्टरनष्ट हुए उत्तेजित विभव पर प्रतिक्रिया दर्शाते है जिसका परिणाम दर्द है। मिसनर के कॉरप्सल्स एक प्रकार के मेकानो ग्राही है जो स्पर्श के प्रति संवेदी होते है। रिसेप्टर साधारणतः ग्रेडेड विभव को उत्पन्न करते है रिसेप्टर उत्पादक ग्रेडेड विभव ग्राही विभव कहलाता है।

 10. मानव नेत्र में प्रकाशसंवेदी यौगिक बना होता है (NEET-I 2016)

(a) ओप्सिन और रेटिनॉल से

(b) ट्रांस्ड्यूसिन और रेटिनीन से

(c) ग्वानोसिन और रेटिनॉल से

(d) ओप्सिन और रेटिनल से

 उत्तर - (d)

व्याख्या -शलाकाओं में प्रकाश संवेदी वर्णक रोडोप्सिन पाया जाता है। रोडोप्सिनऑप्सिन एवं रेटीनीन के योग से बनता है। ऑप्सिन एक प्रोटीन है जो रोडोप्सिन में स्कोटोप्सिन के नाम से जाना जाता है। रेटीनीनविटामिन । का एल्डिहाइड है जिसे रेटीनल कहते है।

11. स्तनधारी प्राणी ने नेत्र में खात‘ (फोविया) दृश्य क्षेत्र का केन्द्र है जहाँ (NEET 2015)

(a) दृक (optical nerve) तंत्रिका नेत्र से बाहर निकलती है।

(b) केवल शलाकाएँ उपस्थित होती है।

(c) शंकुओं की अपेक्षा शलाकाएँ अधिक होती हैं।

(d) शंकुओं की सघनता अधिक होती हैलेकिन शलाकाएँ नहीं होती।

उत्तर - (d)

व्याख्या - फोवियारेटिना का एक पतला भाग है जहाँ केवल शंकु संघनित रूप से पाये जाते है। यह वह बिन्दु है जहाँ दृष्टि तीक्ष्णता सबसे अधिक होती है।

 12. मेरुरज्जु की अग्र होर्न की कोशिकाएँ यदि नष्ट हो जाएँ तो इसके परिणामस्वरूप किसका लोप होगा? (NEET 2015)

(a) एच्छिक प्रेरक प्रतिवर्त

(b) संधायी प्रतिवर्त

(c) समावेशी (इंटीग्रेटिंग) प्रतिवर्त

(d) संवेदी प्रतिवर्त

उत्तर - (a)

व्याख्या - मेरूरज्जु की अग्र हार्नरेशेदार कोशिका रखती है जो कि अग्र मोटर रूट के अन्तिम सिरे का निर्माण करती है जो कि पेशियों की ऐच्छिक प्रेरक प्रतिवर्त के लिए उत्तरदायी होती है। यदि अग्र होर्न की कोशिकाओं को नष्ट कर दिया जाए तो तंत्रिका पुनः उत्पन्न नहीं होगी तथा पेशियों का पुनः उपयोग नहीं हो पाएगा।

 13. हाइपोथैलेमस तक सीमित क्षति संभवतः निम्नलिखित में से किस एक को विघटित करेगी? (NEET 2014)

 (a) लघु-कालिक स्मृति

(b) चलन में समन्वयन

(c) कार्यकारी प्रकार्यजैसे कि निर्णय लेना

(d) शरीर के तापमान का नियमन

उत्तर - (d)

व्याख्या - हाइपोथैलेमस शरीर का तापमान नियामक केन्द्र है। यह शरीर के तापमान को 37°C जटिल थर्मोस्टेट तंत्र द्वारा रखता है।

 14. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा एक सही नहीं है? (NEET 2014)

(a) रेटिनल दृष्टि प्रकाश वर्णक का प्रकाश अवशोषण करने वाला भाग है।

(b) रेटिना में प्रकाश वर्णक रोडोप्सिन शलाकाओं में होता है जबकि शंकुओं में तीन प्रकार के प्रकाशवर्णक होते है।

(c) रेटिनल विटामिन C का व्युत्पन्न है।

(d) रोडोप्सिन बैंगनी लाल प्रोटीन है जो केवल शलाकाओं में ही उपस्थित होता है।

उत्तर - (c)

व्याख्या - रेटिनल वर्णकविटामिन A के व्युत्पन्न से जुड़ा होता है।

 15. ऐक्सॉन के अंतिम छोर और सिनैप्स के आरेख में A से लेकर D तक नामांकित संरचनाओं में से कम से कम  दो को सही-सही पहचानिए (NEET 2013)


  (a) A- ग्राही, C-सिनैप्टिक आशय

  (b) B- सिनैप्टिक संयोजन D-K+

  (c) A- तंत्रिप्रेषी B-सिनैप्टिक विदर

  (d) C- तंत्रिप्रेषी D-Ca++

उत्तर - (a)

व्याख्या -A- ग्राही, C-सिनैप्टिक आशय

 16. मानव नेत्र के चार भाग A,B,C और D आरेख में दर्शाए गए हैं। भाग को सही पहचान के साथ-साथ उसके कार्यध्लक्षण के विकल्प को चुनिए (NEET 2013)


(a) A-रेटिना -प्रकाशग्राही-शलाका (रॉड) और शंकु (कोन) होते हैं।

(b) B-अंध-बिन्दु-इसमें केवल शलाकाएँ और शंकु होते हैं।

(c) C-जलीय कक्ष-उस प्रकाश को परावर्तित कर देता है जो लैंस में से होकर गुजर नहीं पाती।  

 (d) D - रक्तक पटल (कोरॉइड)-इसका अगला भाग पक्ष्माभ काय बनाता है

उत्तर - (a)

व्याख्या - दिए गए चित्र में,A दृष्टिपटल (Retina) है जो कि आंतरिक स्तर होता हैंइसमें प्रकाशग्राही शलाका तथा शंकु होते हैं। अंत बिंदु है। प्रकाश तंत्रिका अंतिम बिंदु पर  दृष्टिपटल के माध्यम से जाती है। इसमें दृश्य कोशिकाएँ नहीं होती है। C-जलीय कोष्ठ है। यह कॉर्निया तथा लैंस का पोषण करता हैदोनों ही असंवहनीय होते हैं। D श्वेत पटल है। यह बाह्य आवरण है तथा नेत्र गोलक के आकार का अनुपालन करता है। यह नेत्र की आंतरिक स्तर की भी रक्षा करता है।

 17. सबसे प्रचुर अन्तःकोशिकीय धनायन कौन सा है? (NEET 2013)

   (a)  Na+     (b) Ca++

    (c)  H+       (d) K+

उत्तर - (d)

व्याख्या -K+ ऑयन्स अन्तःकोशिकीय द्रव्य में अधिक होते हैं जबकि Na+ ऑयन्स बाह्यकोशिकीय द्रव्य में अधिक होते हैं।

 18. मानव के पश्च मस्तिष्क में तीन भाग होते हैं जिनमें से एक भाग यह है (NEET 2012)

 (a) मेरूरज्जु

 (b) कार्पस कैलोसम

(c) अनुमस्तिष्क

(d) हाइपोथैलेमस

उत्तर - (c)

व्याख्या -मस्तिष्क केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का अग्र भाग होता है। मानव मस्तिष्क तीन भागों में विभाजित होता है अग्र मस्तिष्कमध्य मस्तिष्कपश्च मस्तिष्क। मानव पश्च मस्तिष्क के अंतर्गत पोंसअनुमस्तिष्क तथा मेडुला (मेडुला ऑब्लांगेटा भी कहलाता हैहोता है।

 19. मानव कान का वह कौन-सा भाग है जिसकी सुनने में कोई भूमिका नहीं होतीपर वह बहुत ही आवश्यक है? (NEET 2012)

 (a) यूस्टेकीयन नलिका

 (b) काँर्टाई-अंग

 (c) प्रघाण उपकरण (वेस्टीब्युलर)

 (d) कर्णास्थियाँ

उत्तर - (c)

व्याख्या -वेस्टीब्युलर एपरेटस आंतरिक कर्ण का भाग एक होता है जो कि कॉक्लिया के ऊपर स्थित होता है। इसके अंतर्गत तीन अर्धगोलाकार नलियाँ होती है जो कि सिर की गति का परीक्षण करती है तथा युट्रीकुलस तथा सैकुलस सिर की स्थिति का परीक्षण करती है। यह श्रवण या सुनने में कोई भूमिका का निर्वहन नहीं करती है किन्तु शरीर तथा उसका नियंत्रण हेतु उत्तरदायी होता हैइसलिए यह आवश्यक होता है।

 20. जब कभी कोई तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) विश्राम अवस्था में होती हैयानि उसमें आवेग का संवहन नहीं हो रहा होतातब ऐक्सॉन झिल्ली की क्या दशा होती है? (NEET 2011)

(a) Na+ आयनों के लिए अपेक्षाकृत अधिक पारगम्य तथा K+ आयनों के लिए लगभग अपारगम्य।

 (b) Na+ तथा K+ दोनों आयन समानत पारगम्य।

(c) Na+ तथा K+ दोनों आयनों के लिए अपारगम्य।

(d) पारगम्य तथा Na+ आयनों के लिए लगभग अपारगम्य। K+ आयनों के लिए अपेक्षाकृत अधिक

उत्तर - (d)

व्याख्या -जब न्यूरॉन किसी भी आवेग को संचरित नहीं करते हैं अर्थात् शिथिल अवस्था मेंएक्सॉन झिल्ली तुलनात्मक तौर पर पोटैशियम ऑयन्स हेतु पारगम्य तथा सोडियम ऑयन्स ( Na+ ) हेतु करीबी तौर पर अपारगम्य होती है।

 21. वे तंत्रिका केंद्र जो देह के तापमान तथा खाने-पीने की में उत्तेजना का नियंत्रण करते हैंकिस भाग में स्थित होते हैं? (NEET 2010)

(a) पोंस       (b) प्रमस्तिष्क

(c) थैलेमस   (d) हाइपोथैलेमस

उत्तर - (d)

व्याख्या -हाइपोथैलेमस अग्र मस्तिष्क का एक भाग है जो खाने और पीने की इच्छा का नियंत्रण करता है तथा शरीर का तापमान नियामक केन्द्र है। यह मानव शरीर का तापमान 37°C बनाये रखता है।

 22.निम्नलिखित में से किस विकल्प में एक संरचना, उसके पाये जाने का स्थान तथा उसके कार्य को सही मिलाया गया है? (NEET Mains 2010)

 

संरचना 

स्थान   

कार्य

(a)

अनुमस्तिष्क

मध्य मस्तिष्क       

श्वसन तथा जठरीय स्त्रावों का नियंत्रण

(b)

हाइपोथैलेमस

अग्र मस्तिष्क

शरीर के तापमानतथा खाने-पीने की उत्तेजना का नियंत्रण

(c)

अंध बिन्दु

उस स्थान के समीप जहाँ  दृक तंत्रिका  आँख से बाहर आती है           

शलाकाएँ एवं शंकु होते हैं परन्तु यहां पर   निष्क्रिय है

(d)

 

 

यूस्टेकीयन

नलिका

 

आंतरिक कर्ण का अग्र भाग

कर्णपटह झिल्ली के  दोनों ओर वायु दाब को समान बनाये

रखना

 


उत्तर - (b)

व्याख्या -हाइपोथैलेमस तीसरे वेन्ट्रिकल के फर्श मेंऊपर थैलेमस तथा नीचे पिट्यूटरी से जुड़ाअग्र मस्तिष्क का भाग होता है। इसमें कई महत्वपूर्ण केन्द्र होते हैं जो शरीर के तापमानभूखप्यास तथा खानाजल संतुलन तथा लैंगिक कार्य को नियंत्रित करते हैं। यह भावनात्मक सक्रियता तथा नींद से करीबी तौर पर जुड़ा रहता है तथा पिट्यूटरीस्त्रावण के इसके नियंत्रण के माध्यम से स्वायत्त तंत्रिका क्रिया तथा हॉर्मोन के युग्मन हेतु एक केन्द्र के रूप में कार्य करता है।

23. मानव मस्तिष्क का वह कौन सा भाग है जिसका संबंध देह-तापमान के नियमन से है (NEET 2009)

(a) हाइपोथैलेमस

(b) मेडुला आब्लागेटा

(c) सेरीबेलम (अनुमस्तिष्क)

(d) सेरीब्रम (प्रमस्तिष्क)

उत्तर - (a)

व्याख्या -हाइपोथैलेमस शरीर का तापमान नियामक केन्द्र है। यह शरीर के तापमान को 37°C जटिल थर्मोस्टेट तंत्र द्वारा रखता है।

 24. मानवों में एल्जाइमर रोग का होना किसके अभाव से जुड़ा है? (NEET 2009)

(a) गामा ऐमीनोब्युटाइरिक एसिड (GABA)           

(b) डोपैमीन

(c) ग्लूटैमिक एसिड

(d) एसिटाइलकोलीन

उत्तर - (d)

व्याख्या -एल्जाइमर रोग एक तंत्रिकीय विकार है इसके लक्षण धीरे-धीरे बौद्धिक क्षमता का ह्यास होना है। इस विकार का नाम जर्मन फिजीशियन एलोइस एल्जाइमर सी (1864-1915) के नाम पर पड़ायह रोग मस्तिष्क ऊतक के सामान्य सिकुड़न के साथ, B-एमाइलॉइड प्रोटीन के जमाव तथा मस्तिष्क में असामान्य तंतुओं से निर्मित टाऊ प्रोटीन के कारण होता है तथा मस्तिष्क के भीतर न्यूरोट्रांसमीटर तंत्र में परिवर्तन होता है जिसमें कोलीनर्जिक न्यूरॉन्स (एसीटाइलकोलीन उत्सर्जित करने वाले न्यूरॉन्स) की सक्रियता में ह्यस सम्मिलित है। कुछ वंशानुगत प्रकार गुणसूत्र 21 पर आनुवंशिक लोकस से जुड़े होते हैं।

 25. हमारी रेटिना (दृष्टि पटल) की शलाका कोशिकाओं तथा 

शंकु कोशिकाओं में निम्नलिखित में से कौन सा अंतर सही है? (NEET 2008)

 

शलाका

कोशिकाएँ

शंकु

कोशिकाएँ

(a)

कुल

मिलाकर

प्रकार्य

मंद प्रकाश में

दृष्टि

चमकीले

प्रकाश में रंग दृष्टि

एवंविस्तृत दृष्टि

(b)

वितरण

रेटिना के केंद्र में

अधिक संकेन्द्रित

सम्पूर्ण रेटिना में

समान वितरण

(c)

दृष्टि प्रखरता

उच्च

निम्न

(d)

भीतर

विद्यमान

आयोडोप्सिन

दृष्टि

वर्णक

रोडोप्सिन

 

उत्तर - (a)

व्याख्या -कशेरूकियों की रेटिना में प्रकाश संवेदी ग्राही कोशिका का प्रकार शलाका कोशिका है। शलाका कोशिका में रोडोप्सिन नामक वर्णक होता है तथा मंद प्रकाश में दृष्टि हेतु आवश्यक होता है। ये रेटिना पर समान तौर पर वितरित नहीं होते हैंफोविया पर अनुपस्थित होते हैं तथा संपूर्ण रेटिना के किनारे को घेरते हैं। शंकु कोशिका प्रकाश-संवेदी ग्राह्यी कोशिका का एक प्रकार हैसभी डाइयूरेनल कशेरूकियों में पायी जाती है। शंकु रंग के बारे में सूचना को संचरित करने में विशेषज्ञ होते हैं तथा नेत्र की दृष्टि प्रखरता हेतु उत्तरदायी होते हैं। ये तीव्र प्रकाश में सबसे अच्छी तरह कार्य करते हैं। इसमें आयोडोप्सिन वर्णक होता है। ये रेटिना पर समान तौर पर वितरित नहीं होते हैं।

 26नीचेमानव कॉक्लिया (कर्णावर्त) के एक एकल पाश के अनुप्रस्थ सेक्शन का आरेखीय चित्र दिया जा रहा है 


निम्नलिखित में से किस एक विकल्प में तीन नामांकित भागों के सही नाम दिए गए हैं? (NEET 2008)

(a)    D: संवेदी रोम कोशिकाएँ   A: अंतःलसिका  B: टेक्टोरियल झिल्ली

(b)    A: परिलसीका  B: टेक्टोरियल झिल्ली  C: अंतःलसिका

(c)     B: टेक्टोरियल झिल्ली, C: परिलसीका,  D: स्रावी कोशिकाएँ

(d)    C: अंतःलसिका, D: संवेदी रोम कोशिकाएँ, A: सीरम

उत्तर - (b)

व्याख्या -A→ पेरीलिम्फ (परिलसिका)

B→ टेक्टोरियल

C→ अंतः लसिका

D→ संवेदी रोम कोशिकाएँ

 27. तंत्रिका आवेग के प्रेक्षण के दौरान क्रिया विभवकिसकी गति कहाँ का परिणाम होता है? (NEET 2008)

(a) अंतः अंत कोशिकीय तरल से K+ आयनों की गति बाह्यकोशिकीय तरल तक।

(b) बाह्यकोशिकीय तरल से Na+ आयनों की गति अंतःकोशिकीय तरल तक।

(c) बाह्यकोशिकीय तरल से K+ आयनों की गति अंतः कोशिकीय तरल तक।

(d) अंतःकोशिकीय तरल से Na+ आयनों की गति बाह्यकोशिकीय तरल तक।

उत्तर - (b)

व्याख्या - क्रिया विभव विद्युतीय विभव में परिवर्तन हैजो कि तंत्रिका आवेग के गुजरने के दौरान प्लाज्मा झिल्ली के पार होता है। जैसे ही आवेश तंत्रिका के एक्सॉन के साथ तरंग की तरह पहुँचता है इसके कारण झिल्ली के पार - 60 mV (मिलीवोल्ट्जशिथिल विभव) से + 45 mV विद्युत विभव में स्थानीय तथा अस्थिर स्विच उत्पन्न करते हैं। इसके कारण सोडियम चैनल्स खुला तथा पोटैशियम चैनल्स बंद रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप चैनल्स विसरण के द्वारा Na+ का अंतः प्रवाह (Influx) बाह्य कोशिकीय द्रव्य से अंतराकोशिकीय द्रव्य में होता हैं।

 28. मानवों में कॉर्निया (स्वच्छपटल) का प्रत्यारोपण लगभग कभी भी अस्वीकारा नहीं जाता ऐसा इसलिए कि (NEET 2008)

(a) यह अकेन्द्रीकीय कोशिकाओं से निर्मित होता है।

(b) यह एक निर्जीव परत है।

(c) इसकी कोशिकाओं में बैक्टीरिया न के बराबर प्रवेश कर पाते हैं।

(d) इनमें रक्त आपूर्ति नहीं होती।

उत्तर - (d)

व्याख्या -कॉर्निया एक पारदर्शी परत है जो नेत्र गोलक के अग्र भाग के एक-छठवें भाग को बनाती है। जैसे ही प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता हैयह उसे फोकस करने में मदद करती है। कॉर्निया में रक्त संचार नहीं होता हैइसलिये इसका प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

 29. तंत्रिका तंतु के माध्यम से तंत्रिका आवेग के संचरण के दौरान प्लाज्मा झिल्ली के अन्दर की ओर किस प्रकार का विद्युत आवेश होता है? (NEET 2007)

(a) पहले धनात्मक फिर ऋणात्मक और फिर से धनात्मक।

(b) पहले ऋणात्मकफिर धनात्मक और फिर से ऋणात्मक।

(c) पहले धनात्मकफिर ऋणात्मक और लगातार ऋणात्मक ही बना रहता है।

(d) पहले ऋणात्मकफिर धनात्मक और लगातार धनात्मक ही बना रहता है।

उत्तर - (b)

व्याख्या -तंत्रिका ऊतक के तंतु होते है जिसके अंतर्गत कई तंत्रिका तंतुओं के साथ सहायक ऊतकसंयोजी ऊतक के आवरण में घिरे रहते हैं। संदेशजो कि तंत्रिका तंतु की लंबाई के साथ पहँचते हैं तथा जिससे सूचना तंत्रिका तंत्र के माध्यम से संचरित होती हैतंत्रिका आवेग कहलाता है। झिल्ली की पारगम्यता में परिवर्तन के कारण इसे एक्सॉन की झिल्ली के पार ऑयन्स के प्रवाह द्वारा निर्देशित किया जाता हैजिसके कारण विभव में परिवर्तन उत्पन्न होता हैं। जो कि सक्रिय विभव के द्वारा जाँचा जा सकता है। किसी भी तंत्रिका तंतु में उत्पन्न आवेग की मजबूती स्थायी होती है।

 30. बोमेन ग्रंथियाँ कहाँ पायी जाती है? (NEET 2007)

(a) हमारी नाक की घ्राण एपिथिलियम में

(b) मूत्र नलिकाओं के समीपस्थ सिरे पर

(c) अग्र पिट्यूटरी में

(d) कॉकरोच के मादा जनन तंत्र में

उत्तर - (a)

व्याख्या -ऑलफेक्टरी भाग (घ्राण भाग) नासा वेश्म या नासा गुहा का पश्च भाग है। घ्राण भाग के मोटे श्लेष्मा स्तर में विशिष्ट प्रकार की बोमेन ग्रन्थियाँ पायी जाती है। इसके द्वारा स्रावित श्लेष्मावायु के साथ आए गंध कणों को स्वयं के साथ घोलकर गंध का ज्ञान कराता है। मानव की मुख गुहा में नेसोपैलेटाइन नलिका में जैकब्सन अंग पाया जाता है जो भोजन की गंध का ज्ञान कराता है।

 31. बोमेन ग्रंथियाँ कहाँ पायी जाती हैं? (NEET 2006)

(a) घ्राण एपिथीलियम में

(b) बाह्य श्रवण गुहा में

(c) केवल वल्कुटीय नेफ्रॉनों में

(d) जक्सटामैडुलरी नेफ्रॉनों में

उत्तर - (a)

व्याख्या -ऑलफेक्टरी भाग (घ्राण भाग) नासा वेश्म या नासा गुहा का पश्च भाग है। घ्राण भाग के मोटे श्लेष्मा स्तर में विशिष्ट प्रकार की बोमेन ग्रन्थियाँ पायी जाती है। इसके द्वारा स्रावित श्लेष्मावायु के साथ आए गंध कणों को स्वयं के साथ घोलकर गंध का ज्ञान कराता है। मानव की मुख गुहा में नेसोपैलेटाइन नलिका में जैकब्सन अंग पाया जाता है जो भोजन की गंध का ज्ञान कराता है।

 32. निम्नलिखित में से कौन सा एक तंत्रिका संचारक के रूप में कार्य नहीं करता? (NEET 2006)

(a) एसीटाइलकोलीन

(b) एपिनेफ्रीन

(c) नॉरएपिनेफ्रीन

(d) कॉर्टिसोन

उत्तर - (d)

व्याख्या -तंत्रिका संचारक रसायन वे होते हैं जो कि न्यूरॉन तथा अन्य कोशिका के मध्य विद्युतीय संदेश प्रसारितविस्तारपरिवर्तन करते हैं। पदार्थ जो कि तंत्रिका संचारक की तरह कार्य करते हैं तीन मुख्य समूहों में श्रेणीबद्ध हो सकते हैं-

(1) एमीनो अम्ल (प्रमुखतः ग्लूटामिक अम्ल, GABA, एस्पार्टिक अम्ल तथा ग्लायसीन)

(2) पेप्टाइड्स (वैसोप्रेसीनसोमेटोस्टेटीनन्यूरोटेन्सिन आदि) तथा

(3) मोनोएमीन्स (नॉरएपिनेफ्रीनडोपामीन तथा सीरोटोनिन) के साथ में एसीटाइलकोलीन। कार्टिसोन एक ग्लूकोकॉर्टिकॉइड स्टीरॉइड हॉर्मोन है जो एड्रीनल ग्रंथि द्वारा स्त्रावित होता है तथा उसमें एंटीइंफ्लेमेटरी तथा प्रतिरोध-तंत्र को दबाने का गुण होता है।

 33.  स्वायत्त तंत्रिका तंत्र के कार्य करने का निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही उदाहरण है (NEET 2005)

(a) घुटना-झटका अनुक्रिया

(b) पुतली प्रतिवर्तन

(c) अंतड़ियों का क्रमांकुचन

(d) आहार निगलना

उत्तर - (c)

व्याख्या - विकल्प (a), (b) तथा (d) प्रतिवर्ती क्रिया है। स्वायत्त तंत्रिका तंत्रआंत के क्रमानुकुंचन से संबंधित होता है जो कि माइसेन्ट्रिक फ्लेक्सस द्वारा प्रभावित होता है। सिम्पेथेटिक तंतुक्रमानुकुंचन गति को कम करते हैं जबकि पेरासिम्पेथेटिक तंतु इस गति को बढ़ाते हैं।

 34. पार्किन्सन रोग (जिसके लक्षण कंपन तथा लिम्ब में धीरे-धीरे कठोरता आ जाती है)मस्तिष्क न्यूरॉन्स के क्षय के कारण होता हैजो कि गति नियंत्रण में संबंधित होते है तथा तंत्रिका संचारक का उपयोग करते हैं (NEET 2005)

(a) नॉरएपिनेफ्रीन

(b) एसिटाइलकोलीन

(c) GABA

(d) डोपैमीन

उत्तर - (d)

व्याख्या -पार्किसोन्जिम सब्सटेंशिया नाइग्रा मार्ग में न्यूरॉन्स के क्षय के कारण होता है जो कि आवश्यक तौर पर डोपामीमार्जिक है। यह स्ट्रेटमपेशी टोन्स तथा समन्वय गति को नियंत्रित करता है। असंतुलन डोपामीन (एक रोकने वाला न्यूरोसंचारक की कमी के कारण होता है।

 35. एक मानव में उसकी ऐब्डयूसेन्स तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो गयी है। उसका निम्नलिखित में से कौन-सा एक कार्य प्रभावित होगा? (NEET 2005)

(a) निगलना

(b) नेत्र गोलक की गति

(c) गर्दन की गति

(d) जीभ की गति

उत्तर - (b)

व्याख्या -एब्डयूसेन्स छठवीं कपाल तंत्रिका होती हैजो कि नेत्र गोलक के बाह्य रेक्ट्स पेशी को तंत्रिका-प्रेरण करती है। यह नेत्र के बाह्य ओर मुड़ने हेतु उत्तरदायी होती है। जीभ की गति हाइपोग्लॉसल तंत्रिका द्वारा नियंत्रित होती है। गर्दन की गति फेशियल तंत्रिका द्वारा नियंत्रित होती है। निगलना ग्लॉसोफेरिन्जियल द्वारा होता है।

 36. तंत्रिका झिल्ली की विश्रामावस्था मेंयदि सांद्रण प्रवणताओं के कारण विसरण होने दिया जाएतो प्रवाह किस दिशा में होगा (NEET 2004)

(a) K+ तथा Na+ का कोशिका से बाहर की ओर जाना।

(b) Na+ का कोशिका के भीतर जाना।

(c) Na+ का कोशिका के बाहर जाना।

(d) K+  का कोशिका के भीतर जाना।

उत्तर - (b)

व्याख्या -तंत्रिका तंतु की शिथिल अवस्था मेंबाह्य माध्यम (ऊतक द्रव्य में) सोडियम ऑयन्स (Na+) प्रबल होते हैं जबकि तंतु (अंतःकोशिकीय द्रव्य) के भीतर पोटैशियम ऑयन्स प्रभावी होते हैं। झिल्ली के दोनों ओर ऑयन की सांद्रता में अंतर के कारण सोडियम ऑयन्स निष्क्रिय तौर पर तंत्रिका तंतु में विसरित होते हैं तथा पोटैशियम ऑयन्स उनके विद्युत रसायन प्रवणता के विपरीत तंत्रिका तंतु से विसरित होता है। शिथिल तंत्रिका तंतु की झिल्ली सोडियम की अपेक्षा पोटैशियम हेतु अधिक पारगम्य होती है झिल्ली की इस चयनात्मक पारगम्यता के कारणसोडियम जितनी तेजी से प्रविष्ट होता है उससे अधिक तेजी से पोटैशियम तंत्रिका तंतु को छोड़ता हैयह शिथिलन तत्रिका तंतु की झिल्ली को ध्रुवीयकरण करता है इसके बाहर बाह्यकोशिकीय द्रव्यइसके भीतर कोशिका पदार्थ के संदर्भ मेंइलेक्ट्रोपॉजीटिव (धनात्मक आवेशन) हो जाता है।

 37. मनुष्यों में वेगस तंत्रिका को क्षति पहुँचने पर निम्नलिखित में से किस एक के प्रभावित होने की संभावना नहीं है? (NEET 2004)

(a) जठरांत्र गतियाँ

(b) अग्नाशय से होने वाला स्रावण

(c) हृदय की गतिया

(d) जीभ की गतिया

उत्तर - (d)

व्याख्या -वेगस तंत्रिकामेडुला आब्लांगेटा की ओर से उत्पन्न होती है। यह लैरिंक्सट्रेकियाईसोफेगसआमाशयफेफड़ोंहृदय तथा आँत की तंत्रिका आपूर्ति करती है।

 यह मिश्रित तंत्रिका होती है। विसरल संवेदना तथा विसरल गतियों के उदाहरण हृदय स्पंदनश्वसन गतियोंक्रमानुकुंचनध्वनि उत्पादन आदि को नियंत्रित करती है। जिह्या की गति हायपोग्लॉसल तंत्रिका के द्वारा नियंत्रित होती है क्योंकि यह जीभ की पेशी की तंत्रिका आपूर्ति करती है।

 38. तंत्रिका कोशिका में जिन्हें अब तक निस्सल कणिकाओं के रूप में वर्णित किया जाता रहा है उन्हें अब क्या पहचाना गया हैं  (NEET 2003)

(a) कोशिका उपापचयज

(b) वसा कणिकाएँ

(c) राइबोसोम

(d) माइटोकॉन्ड्रिया

उत्तर - (c)

व्याख्या -तंत्रिका कोशिका की कोशिका काय के अंतर्गत बेसोफिलिक कणिकाएँ निस्सल कणिकाएँ कहलाती है। यह कणिकाएँ एक एंडोप्लाज्मिक रेटीकुलम की सिस्टर्नी के समान दिखती है तथा इसके साथ मुक्त राइबोसोम बड़ी मात्रा में जुड़े रहते हैं। ये संभवतः कोशिका हेतु प्रोटीन का निर्माण करती है।

 39. तंत्रिका की रेनवियर की पर्वसंधि के लिये निम्न में से कौन-सा कथन सही है? (NEET 2002)

(a) न्यूरोलिमा असतत् होती है

(b) माइलिन आच्छद असतत् होती है

 (c) दोनों न्यूरोलिमा तथा माइलिन आच्छद् असतत् होते है

(d) माइलिन आच्छद् के द्वारा ढकी होती है।

उत्तर - (b)

व्याख्या -रेनवियर के नोड स्तर पर माइलिन आवरण अविरल होता है किंतु न्यूरोलिमा स्तर अविरल नहीं होता है। वास्तविक तौर पर माइलिन आवरण श्वॉन कोशिका का पूरा भाग होता है-जो कि निरंतर न्यूरोलिमा आवरण का निर्माण करता है। प्रत्येक श्वॉन कोशिका न्यूरोलिमा के आस-पास लिपटकर प्लाज्मा झिल्ली की कन्सेण्ट्रिक स्तर का निर्माण करती है किंतु दो श्वॉन कोशिकाओं के संधि के स्तर पर माइलिन स्तर निर्मित नहीं हो पाता है इसलिए रिक्त स्थान दिखता है।

 40. मानव कॉर्निया का लक्षण है (NEET 2001)

(a) नेत्र श्लेष्मिका (Conjuctive) तथा ग्रंथिल स्तर द्वारा स्रावित होता है।

(b) यह अश्रु ग्रंथि होती है जो अश्रुओं का स्राव करती है।

(c) कॉर्निया में रक्त संचरण अनुपस्थित होता है।

(d) विद्धावस्था में यह कठोर हो जाती है तथा इस पर सफेद परत जमा हो जाती है जिनसे मोतियाबिन्द हो जाता है।

उत्तर - (c)

व्याख्या -कार्निया का बाह्य 1/6 भाग बाहर की ओर उभरा हुआ व पारदर्शी होता है। यह रेखित किरेटिन शल्की उपकला द्वारा बाह्य तौर पर तथा आंतरिक तौर पर साधारण शल्की उपकला द्वारा घिरे संयोजी ऊतक के विशेष प्रकार द्वारा निर्मित होता है। इसमें रुधिर वाहिनियों का अभाव होता है। यह समीपवर्ती क्षेत्र से लसीका द्वारा पोषित होता है।

41. अंधेरे से उजाले में जाने पर कुछ समय तक कुछ दिखाई नहीं देता है लेकिन थोड़ी देर बाद सामान्य दिखाई देने लगता है। यह किसका उदाहरण है? (NEET 2001)

(a) समायोजन

(b) अनुकूलन

(c) उत्परिवर्तन

(d) प्रकाशकालता

उत्तर - (b)

व्याख्या -नेत्र की शलाका कोशिका में जामुनी वर्णक दृश्य बैंगनी या रोडोप्सिन होता है। ये रात्रि तथा हल्के प्रकाश में कार्य करता है। तेज प्रकाश रोडोप्सिन को लिपोप्रोटीन स्कोटोप्सीन तथा एक केरोटिनॉइड वर्णक रेटीनी में विभाजित कर देता है। अंधकार में रोडोप्सिनस्कॉटोप्सिन तथा रेटीनी से पुनः निर्मित होता है। यह प्रक्रिया अंधकार अनुकूलन‘ कहलाती है। इसी के कारण शलाका क्रियात्मक बनता है। यह रोडोप्सिन को पुनः निर्मित होने हेतु कुछ समय लेता है। इसी के कारण जब दिन के समय अंधेरे कमरे या रात्रि में अधिक प्रकाश वाले कमरे में प्रवेश करते हैं हम कुछ देर के लिए दृष्टिहीन महसूस करते हैं। जब हम अंधकार से तीव्र प्रकाश में जाते हैंतो हमें कुछ समय हेतु ठीक तौर पर देखने में कठिनाई महसूस होती है जब तक कि रोडोप्सिन ब्लीच हो जाता है तथा शंकु क्रियात्मक हो जाते हैं।

समायोजन रिफ्लेक्स क्रियाविधि है जिसके द्वारा नेत्र का फोकस परिवर्तित होता है जिससे दूर तथा समीप वस्तुओं की इमेज रेटिना पर अच्छी बनती है। उत्परिवर्तन कोशिका के आनुवांशिक पदार्थ (DNA) या व्यक्ति के गुणों में परिवर्तन होता है जो कि सामान्य आनुवांशिक प्रक्रियाओं द्वारा नहीं होता है। प्रकाशकालिताजीव का दिन के प्रकाश के प्रति प्रतिक्रिया होती है।


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