Physics - Nuclei - नाभिक- Important Question with answer


Nuclei 

नाभिक



1. α-कण में होते हैं

(a) केवल 2 प्रोटॉन

(b) केवल 2 प्रोटॉन और 2 न्यूट्रॉन

(c) 2 इलेक्ट्रॉन, 2 प्रोटॉन और 2 न्यूट्रॉन

(d) केवल 2 इलेक्ट्रॉन और 4 प्रोटॉन

 

2.  किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ की अर्ध-आयु 10 मिनट है। यदि आरम्भ में नाभिकों की संख्या 600 है, तो 450 नाभिकों के विघटित होने मे लगने वाला समय (मिनट में) है

(a) 30               

(b)  10

(c) 20               

(d) 15

 

3.  दो रेडियोएक्टिव पदार्थों, ‘Aतथा Bके क्षयांक क्रमशः ‘8λ‘ तथा ‘2λ‘ हैं। प्रारंभ में दोनों के नाभिकों की संख्या समान है। कितने समय के पश्चात् पदार्थ Aमें नाभिकों की संख्या का Aमें नाभिकों की संख्या से अनुपात 1/e - होगा?

(a) 1/λ    

(b)  1/

(c) 1/  

(d)  1/

(e) इनमे से कोई नही

 

4.  किसी रेडियोसक्रिय पदार्थ की अर्द्ध-आयु 30 मिनट है। इसी रेडियोसक्रिय पदार्थ के 4% क्षय से 85% तक क्षय होने में लगा समय (मिनटों में) होगाः

(a) 45               

(b) 60

(c) 15               

(d) 30

 

5. जब द्रव्यमान mतथा वेग vसे गतिमान कोई α-कण Ze आवेश के किसी भारी नाभिक पर बमबारी करता है. तो उसकी नाभिक से निकटतम उपगमन की दूरी, m पर इस प्रकार निर्भर करती हैः

(a) 1/m2          

(b)  m

(c)  1/m 

(d)   1/m

 

6.  विरामावस्था में यूरेनियम का एक नाभिक, थोरियम तथा हीलियम के नाभिकों में क्षयित होता है, तोः

(a) हीलियम-नाभिक का संवेग, थोरियम-नाभिक से कम होता है।

(b) हीलियम-नाभिक का संवेग, थोरियम-नाभिक से अधिक होता है।

(c) हीलियम-नाभिक की गतिज ऊर्जा, थोरियम-नाभिक से कम होती है।

(d) हीलियम नाभिक की गतिज ऊर्जा, थोरियम-नाभिक से अधिक होती है।

     

7.  एक रेडियोएक्टिव समस्थानिक Xकी अर्द्ध-आयु 1.4 x 109 वर्ष है। यह क्षयित होकर Y में रूपान्तरित हो जाता है जो स्थायी है। किसी गुफा की एक चट्टान 1 में Xतथा Yका अनुपात 1: 7 पाया गया है, तो इस चट्टान की आयु होगीः

(a) 1.96 x 109 वर्ष

(b) 3.92 x 109 वर्ष

(c) 4.20 x 109 वर्ष

(d) 8.40 x 109  वर्ष

 

8.  किसी रेडियोएक्टिव (रेडियोधर्मी) समस्थानिक X की अर्द्ध-आयु 20 वर्ष है। विघटित होकर यह Y तत्व - में परिवर्तित हो जाता है, जो स्थायी है। किसी चट्टान में Xतथा Yका अनुपात 1: 7 पाया जाता है, तो चट्टान की अनुमानित आयु होगीः

(a) 40 वर्ष   

(b) 60 वर्ष

(c) 80 वर्ष   

(d) 100 वर्ष

 

9.  संलयन प्रक्रम द्वारा हाइड्रोजन की कुछ मात्रा का हीलियम में परिवर्तन होता है। इस प्रक्रम में द्रव्यमान क्षति 0.02866 u है, तो प्रति u मुक्त ऊर्जा होगीः (दिया हैः 1 u = 931 MeV)

(a) 2.67 MeV

(b) 26.7 MeV

(c) 6.675 MeV

(d) 13.35 MeV

 

10.         किसी रेडियोएक्टिव समस्थानिक Xकी अर्द्ध-आयु 50 वर्ष है। इसके क्षय होने से तत्व Y बनता है जो स्थायी है। किसी चट्टान के निदर्श (सेम्पल) में X और Y तत्वों का अनुपात 1:16 पाया गया तो चट्टान की आयु होगीः

(a) 150 वर्ष   

(b) 200 वर्ष

(c) 250 वर्ष    

(d) 100 वर्ष

 

11.         U235 विखण्डन का उपयोग करके एक रिएक्टर 1000 kW शक्ति का उत्पादन करता है, तो प्रति घण्टा क्षयित U235 का द्रव्यमान हैः

(a) 10 माइक्रोग्राम

(b) 20 माइक्रोग्राम

(c) 40 माइक्रोग्राम

(d) 1 माइक्रोग्राम

 

12.      संलयन अभिक्रिया उच्च ताप पर होती है, क्योंकिः

(a) नाभिक उच्च ताप पर विखण्डित होता है।

(b) परमाणु उच्च ताप पर आयनित होते हैं।

(c) नाभिकों के मध्य कूलॉम प्रतिकर्षण को दूर करने के लिए गतिज ऊर्जा उच्च होती है।

(d) अणु उच्च ताप पर विखण्डित होते हैं।

 

13.      एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ से उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या उसके द्वारा उत्सर्जित एल्फा कणों की संख्या से दगुनी है। प्राप्त हुआ पदार्थ मूल पदार्थ काः

(a) समस्थानिक होगा

(b) समभारिक होगा

(c) समावयवी होगा

(d) सम न्यूट्रॉनी होगा

 

14.        रेडियोऐक्टिव क्षय में उत्सर्जित ऋण आवेशी β-कण होते हैंः

(a) नाभिक के चारों तरफ घूमने वाले इलेक्ट्रॉन

(b) नाभिक के भीतर विद्यमान इलेक्ट्रॉन

(c) नाभिक के भीतर न्यूट्रॉनों के क्षय से उत्पन्न इलेक्ट्रॉन

(d) परमाणुओं की टक्करों में उत्पन्न इलेक्ट्रॉन।

 

15.         नाभिकों की विखण्डन क्रिया सम्भव होती है क्योंकि उनमें बन्धन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिऑनः

(a) न्यून द्रव्यमान संख्या होने पर द्रव्यमान संख्या बढ़ने के साथ घट जाती है।

(b) न्यून द्रव्यमान संख्या होने पर द्रव्यमान संख्या बढ़ने के साथ बढ़ जाती है।

(c) उच्च द्रव्यमान संख्याओं पर द्रव्यमान संख्या बढ़ने के साथ घट जाती है।

(d) उच्च द्रव्यमान संख्याओं पर द्रव्यमान संख्या बढ़ने के साथ बढ़ जाती है।

 

16.         सौर ऊर्जा का मुख्य कारण हैः

(a) ऑक्सीजन में हाइड्रोजन का जलना

(b) सूर्य में उपस्थित यूरेनियम का विखण्डन

(c) भारी तत्वों के संश्लेषण के दौरान प्रोटॉनों का संलयन

(d) गुरुत्वीय संकुचन

 

17.               किसी नाभिक की द्रव्यमान संख्या होती हैः

(a) इसकी परमाणु संख्या से हमेशा कम

(b) इसकी परमाणु संख्या से हमेशा अधिक

(c) कभी-कभी इसकी परमाणु संख्या के बराबर

(d) इसकी परमाणु संख्या से कभी कम और कभी अधिक

 

18.         नाभिकीय संलयन प्रक्रम के लिए उपयुक्त होते हैंः

(a) हल्के नाभिक

(b) भारी नाभिक

(c) आवर्त सारणी के मध्य के तत्व

(d) बन्धन ऊर्जा वक्र के मध्य के तत्व

 

19.   एक रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्द्ध-आयु 12.5 घंटे है. यदि पदार्थ की प्रारंभिक मात्रा 256 ग्राम है, तो उसकी मात्रा 1 ग्राम होने में समय लगेगाः

(a) 50 घण्टे

(b) 100 घण्टे

(c) 150 घण्टे

(d) 200 घण्टे

 

20.         नाभिक के विखण्डन में ऊर्जा उत्पन्न होती है, क्योंकि.

(a) कुछ द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है।

(b) विघटित भागों की कुछ बंधन ऊर्जा मूल नाभिक से - अधिक होती है।

(c) विघटित भागों की कुल बंधन ऊर्जा मूल नाभिक से कम होती है।

(d) विघटित भागों की कुल बंधन ऊर्जा मूल नाभिक के तुल्य होती है।

 

 

 

 


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