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 Plants Growth and Development

पादप वृद्धि एवं परिवर्धन

 Questions 

  1. अनन्नास के पौधे को पुष्प उत्पन्न करने में लम्बा समय लगता है।अनन्नास के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इसमें वर्ष भर कृत्रिम रूप में पुष्पन प्रेरित करने के लिए कौन-सा हार्मोन डालना चाहिए..?
    (a) साइटोकिनिस और एबसिसिक अम्ल
    (b) ऑक्सिंस और एथीलिन
    (c) जिब्बेरेलिंस और साइटोकाइनीन
    (d) जिब्बेरेलिंस और एबसिसिक अम्ल

2. पादपों में पुष्पन को प्रेरित के लिए आवश्यक प्रकाश काल को बोध करने का स्थान कौन-सा है?
    (a) पत्तियाँ
    (b) पार्श्व कलिका
    (c) तल्प (पल्वीनस)
    (d) प्ररोह शीर्ष

3. फल और पत्तियों के समयपूर्व झड़ने को किसके उपयोग द्वारा रोका जा सकता है?
    (a) साइटोकाइनीन
    (b) एथिलीन
    (c) ऑक्जीन
    (d) जिबरेलिक अम्ल

4. आपको एक कृत्रिम माध्यम से विभेदन की क्षमता वाला एक ऊतक दिया गया है। प्ररोहों और जड़ों दोनों को प्राप्त करने के लिए आप माध्यम में निम्नलिखित में से हॉर्मोनों के किस युग्म को मिलायेंगे?
    (a) ऑक्सिन और ऐब्सिसिक अम्ल
    (b) जिबरेलिन और ऐब्सिसिक अम्ल
    (c) आई.ए.ए. और जिबरेलिन
    (d) ऑक्सिन और साइटोकाइनिन

5. पादपवर्णक क्या है?
    (a) लाइपोप्रोटीन
    (b) क्रोमोप्रोटीन
    (c) फ्लैवोप्रोटीन
    (d) ग्लाइकोप्रोटीन

6. एवीना वक्रता परीक्षण किसके जैव विश्लेषण के प्रयुक्त होता है?
    (a) IAA
    (b) एथिलीन
    (c) ABA
    (d) GA3

7. ऑक्सिन द्वारा किसका जैव विश्लेषण किया जा सकता है?
    (a) जलसंवर्धन से
    (b) पोटोमीटर से
    (c) लेट्यूस बीजपत्राधार के लम्बन से
    (d) एवीना प्रांकुर चोल के वक्रण से

8. डॉ. एफ. वेन्ट ने निरीक्षण किया कि यदि प्रांकुर चोल को अलग कर उसे एक घंटे के लिए अगार में रखा जाये तो अगार एक झुकाव उत्पन्न करेगा, यदि उसे ताजे कटे हुए प्रांकुर चोल ठूंठ के एक ओर स्थापित किया जाये। तो इस प्रयोग का क्या महत्त्व है?(a) इससे ऑक्सिन का पृथक्करण और सही पहचान सम्भव  हुआ।
(b) यह वृद्धिप्रोत्साहक पदार्थों की कम मात्रा के मात्रात्म निर्धारण का आधार है।
(c) यह इस परिकल्पना का समर्थन करता है, कि आई.ए.एऑक्सिन है।
(d) यह ऑक्सिन के ध्रुवीय गमन को दर्शाता है।

9. टमाटर के कुछ सामान्य नवोद्भिदों को अंधेरे कक्ष में रखा गया। कुछ दिनों के बाद वे वर्णकहीन के जैसे सफेद हुए पाये गये। उनका वर्णन करने के लिए आप निम्नलिखित में से किस शब्द का प्रयोग करेंगे?
(a) उत्परिवर्तित
(b) अन्तरारोहित
(c) पांडुरता
(d) निष्पत्रित

10. निम्नलिखित में से कौन-सा वृद्धि नियन्त्रक ‘प्रतिबल हॉरमोन‘ के नाम से जाना जाता है?
(a) ऐब्सिसिक अम्ल
(b) एथिलीन
(c) GA3
(d) इंडोल एसीटिक अम्ल


Explanation

1. संश्लेषित ऑक्सिंस जैसे NAA  और 2, 4-D अनन्नास में वर्ष भर कृत्रिम रूप में पुष्पन प्रेरित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। एथीलिन भी अनन्नास व अन्य संबंधित पौधों में पुष्पन को प्रेरित करता है।

2.  शीर्षस्थ कलिका पुष्पन के पहले पुष्पन शीर्षस्थ कलिका में बदलती है, परंतु वे (तने की शीर्षस्थ कलिका) खुद से प्रकाश काल को महसूस नहीं कर पाती है। प्रकाशध् अंधकार काल का अनभव पत्तियाँ करती हैं। परिकल्पना यह है कि हार्मोनल तत्त्व (फ्लोरिजन) पुष्पन के लिए जिम्मेदार है। फ्लोरिजन पत्ती से तना कलिका में पुष्पन प्रेरित करने के लिए तभी जाती है जब पौधे आवश्यक प्रेरित दीप्तिकाल में अनावृत होते हैं।

3.  फलों व पत्तियों को समय से पूर्व गिरने (चतमींतअमेज) से रोकने में 2]4&D ¼2] 4&Dichlorophenoxy acetic acid½  की कम सांद्रता (ब्वदबमदजतंजपवद) उपयोगी होती है। जो कि एक प्रकार का ऑक्जीन है।

4.  साइटोकाइनिन और ऑक्सिन दोनों पादप हॉर्मोन है जो कि ऊतक संवर्धन माध्यम में एक निश्चित अनुपात में शामिल किए जाते है। ये कोशिका विभाजन और कैलस का विभेदीकरण करते है। जड़ और प्ररोह दोनों का निर्माण होने के लिए ऊतक संवर्धन में दोनों हॉर्मोन ऑक्सिन और साइटोकाइनिन एक निश्चित अनुपात में चाहिए। ऑक्सिन की मात्रा साइटोकाइनिन की अपेक्षा कम लेने पर साइटोकाइनिन प्ररोह के निर्माण में जिम्मेदार है जहाँ अधिक ऑक्सिन की मात्रा लेने पर यह कैलस में जड़ का निर्माण करता है।

5.  फाइटोक्रोम एक चमकीला नीला या नीला हरा वर्णक है, जो पहली बार एल्गा मोगेओशिया की प्लाज्मा झिल्ली से अलग किया गया था। फाइटोक्रोम एक प्रकाशग्राही वर्णक है जो प्रकाश की उपस्थिति व अनुपस्थिति में पुष्पन को नियंत्रित करता है। जैसे बीज अंकुरण और फूलों का प्रारंभन। यह प्रकाश भाग को पहचानने वाला भाग, जिसे क्रोमोफोर कहते है, को रखता है। यह एक छोटी प्रोटीन से जुड़ा रहता है व दो विनिमय रूपों में पाया जाता है, विभिन्न भौतिक अवस्थाओं के साथ इसकी झिल्ली से जुड़ने की प्रवृत्ति होती है।

6.  एवीना वक्रण परीक्षण वेन्ट (1928) द्वारा किए गए प्रयोगों पर आधारित है जिससे ऑक्सिन कि 300 नहध्लीटर कि मात्रा तक का मापन किया जा सकता है। इण्डोल-3 एसिटिक एसिड एक सार्वत्रिक प्राकृतिक ऑक्सिन है तथा एवीना वक्रण द्वारा इस पादप हॉर्मोन का यथार्थ अनुमापन किया जा सकता है।

7.   ऑक्सिन का अंकुरित जई के प्रांकुर चोल के शीर्ष से पृथक्करण एवेनाकोलियोप्टाइल करवेचर परीक्षण पर आधारित है। यह परीक्षण एफ. डब्ल्यू वेन्ट (1926) ने किया। यह ऑक्सिन के तीव्रता से ध्रुवों (सिरों) पर जाने, एवेना प्रांकुर चोल में नीचे की ओर स्थानान्तरण पर आधारित था। इसके परिणामस्वरूप अंतरात्मक वृद्धि और वक्रता का निर्माण हुआ होगा। वक्रता की कोटि ऑक्सिन की सान्द्रता के सापेक्ष होती है।

8इससे ऑक्सिन का पृथक्करण और सही पहचान सम्भव  हुआ।

9.  जब पादपों को लंबे समय तक अंधकार या बिना प्रकाश में लंबे समय तक रखा जाता है। तब ये पादप असामान्य तौर पर लंबे हो जाते है। अधिक पर्वीय दीर्घाकरण होता है जिसे पांडुरता कहते है। पांडुरता ऊतकों की मृत्यु से संबधित है। यह Cu की कमी के कारण होता है। इसमें पक्तियाँ और जड़ तंत्र का विकास अवरूद्ध हो जाता है।

10. ऐब्सिसिक अम्ल, पौधे की ठण्ड और दूसरे अन्य तनावों, जैसे- सूखा और जल संग्रहण आदि के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसलिए इसे तनाव हॉर्मोन भी कहते हैं।


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