1. निम्न में कौन-सा ग्लूकोज परिवाहक इंसुलिन
निर्भर है? (2019)
(a) GLUT IV
(b) GLUT I
(c) GLUT II
(d) GLUT III
2. कोनकेनेवेलिन A क्या है?(2019)
(a) वर्णक
(b) एल्केलाइड
(c) वाष्पशील तेल
(d) लेक्टीन
3. निम्न कथनों को ध्यान में रखिए
A. सहएंजाइम
अथवा धातु आयन जो एंजाइम प्रोटीन से दृढ़ता से बंधे होते हैं, प्रोस्थेटिक समूह कहलाते हैं।
B. एक प्रोस्थेटिक
समूह से बंधा पूर्ण उत्प्रेरक सक्रिय एंजाइम, एपोएंजाइम कहलाता है।
उचित विकल्प का
चयन कीजिए(2019)
(a) (A) असत्य है लेकिन (B) सत्य है।
(b) दोनों (A) एवं (B) सत्य हैं।
(c) (A) सत्य है लेकिन (B) असत्य है।
(d) दोनों (A) एवं (B) असत्य हैं।
4. शर्करा के दो अभिलक्षणिक कार्यात्मक समूह
कौन-से हैं?(2018)
(a) कार्बोनिल और
फॉस्फेट
(b) कार्बोनिल और मेथिल
(c) हाइड्रॉक्सिल और मेथिल
(d) कार्बोनिल और हाइड्रॉक्सिल
5. एंजाइमों के संदर्भ में कौन-सा कथन उचित है?(2017)
(a) एपोएंजाइम =
होलोएंजाइम + सहएंजाइम
(b) होलोएंजाइम =
एपोएंजाइम + सहएंजाइम
(c) सहएंजाइम =
एपोएंजाइम + होलोएंजाइम
(d) होलोएंजाइम = सहएंजाइम + सह-कारक
6. निम्नलिखित में से कौन बहुलकी नहीं है?(2017)
(a) न्यूक्लीक अम्ल
(b) प्रोटीन
(c) पालीसैकेराइड
(d) लिपिड
7. निम्नलिखित में से कौन-सा एक गैर-प्रोटीन वाला
एन्जाइम है?(2016)
(a) लाइगेज
(b) डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिएज
(c) लाइसोजाइम
(d) राइबोजाइम
8. अधिकांश प्रोटीनों के त्रिविमीय वलन को स्थिर
रखने में निम्नलिखित में से किसकी बहुत कम संभावना है?(2016)
(a) जलभीरू पारस्परिक
अभिक्रिया
(b) एस्टर आबंध
(c) हाइड्रोजन आबंध
(d) स्थिरवैद्युत
पारस्परिक अभिक्रिया
9. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?(2016)
(a) यूरेसिल एक पिरिमिडीन है।
(b) ग्लाइसीन एक
सल्फरयुक्त एमीनो अम्ल है।
(c) सुक्रोस एक डाइसैकेराइड है।
(d) सेलुलोस एक
पॉलिसैकेराइड है।
10. एक प्रारूपी वसा का अणु किसका बना होता है?(2016)
(a) एक ग्लिसरॉल और
एक वसा अम्ल अणु का
(b) तीन ग्लिसरॉल और तीन वसा अम्ल अणुओं का
(c) तीन ग्लिसरॉल
अणुओं और एक वसा अम्ल अणु का
(d) एक ग्लिसरॉल अणु
और तीन वसा अम्ल अणुओं का
11. आथ्रोपोडा का काइटिनी बाह्य कंकाल किसके
बहुलकीकरण से बनता है?(2015)
(a) D-ग्लूकोसेमिन के
(b) N-एसीटाइल
ग्लूकोसेमिन के
(c) लिपोग्लाइकेनों के
(d) किरेटीन सल्फेट और
कॉन्ड्रोइटिन सल्फेट के
12. निम्नलिखित जैवअणुओं में से किस में
फॉस्फोडाइएस्टर बंध होता है?(2015)
(a) एक पॉलीसैकेराइड
में मोनो सैकेराइड
(b) एक पॉलीपेप्टाइड में एमीनों अम्ल
(c) एक न्यूक्लिओटाइड में न्यूक्लिक अम्ल
(d) एक डाइग्लिसराइड में वसा अम्ल
13. निम्नलिखित में से कौन-सा एक अन-अपचायक
कार्बोहाइड्रेट है?(2014)
(a) माल्टोज
(b) सुक्रोज
(c) लेक्टोज
(d) राइबोज-5-फॉस्फेट
14. एन्जाइम क्रिया के संदर्भ में उस विकल्प को
चुनिये जो गलत है(2014)
(a) क्रियाधार
एन्जाइम के सक्रिय स्थल से जुड़ जाता है।
(b) बहुत सा सक्सीनेट डालने से सक्सीनिक
डीहाइड्रोजिनेज का मेलोनेट द्वारा संदमन खत्म नहीं होता।
(c) एक अप्रतिस्पर्धात्मक संदमन एन्जाइम के उस स्थल से जुड़ता
है जो क्रियाधार के जुड़ने के स्थल से भिन्न है।
(d) मेलोनेट सक्सीनिक डीहाइड्रोजिनेज का एक प्रतिस्पर्धात्मक
संदमन है।
15. काइटिन महाअणु (2013)
(a) नाइट्रोजनी पॉलीसैकेराइड है।
(b) फॉस्फोरसमय पॉलीसैकेराइड है।
(c) सल्फरमय पॉलीसैकेराइड है।
(d) सरल पॉलीसैकेराइड है।
उत्तर (Answer)
1. (a)
2. (d)
3. (d)
4. (d)
5. (b)
6. (d)
7. (d)
8. (b)
9. (b)
10. (d)
11. (b)
12. (c)
13. (b)
14. (b)
15. (a)
व्याख्या (Explanation)
1. GLUT ग्लूकोज परिवहन प्रोटीन चैनल हैं, ये विभिन्न प्रकार के होते हैं। ग्लूकोज परिवाहक प्रकार 4 (GLUT IV) एक प्रकार का प्रोटीन है, जो मनुष्य में SLC2A4 जीन द्वारा कूटित (Encoded) होता है। यह इसुलिन निर्भर ग्लूकोज परिवाहक वसा ऊतक व रेखित पेशी ऊतक में पाया जाता है।
2. कोनकेनेवेलिन-A एक लेक्टीन, एक द्वितीयक उपापचयज (मेटाबोलाइट) है जो पादप की वृद्धि एवं परिवर्धन में सीधा कोई कार्य नहीं करता है बल्कि यह परिवर्धन की एक निश्चित अवस्था में पाया जाता है।
3. एंजाइम
सरल या संयुक्त (होलो एंजाइम) होते हैं। संयुग्मित एंजाइम दो भागों के बने
होते हैं-प्रोटीन भाग एपोएंजाइम कहलाता है तथा प्रोटीन रहित भाग सहकारक
कहलाता है। सहकारक एंजाइम से बंधकर उसे उत्प्रेरक सक्रिय बनाते हैं। सहकारक तीन प्रकार के होते हैं: प्रोस्थेटिक समूह, सह-एंजाइम व धातु-आयन। प्रोस्थेटिक समूह कार्बनिक यौगिक होते हैं और यह अन्य सहकारकों से इस रूप में भिन्न होते हैं कि ये एपोएंजाइम्स से दृढ़ता से बंधे होते हैं। सह-एंजाइम भी कार्बनिक यौगिक होते हैं और इनका सम्बन्ध एपोएंजाइम से अस्थाई होता है जो समान्यतया उत्प्रेरण के दौरान बनता है। सह-एंजाइम विभिन्न एंजाइम उत्प्रेरित अभिक्रियाओं में सहकारक के रूप् में कार्य करते हैं। बहुत से एंजाइम को अपनी क्रियाविधि के लिए धातु-आयन की आवश्यकता होती है, जिससे ये एक या अधिक बंध बनाकर क्रियाधार के साथ समन्वय करते हैं।
4. कार्बोहाइड्रेट (सामान्यत शर्करा कहते हैं) रासायनिक रूप से पॉलिहॉइड्राक्सी एल्डिहाइड अथवा कीटोन होते हैं। सभी शर्करा में एक कार्बोनिल वर्ग (&Co&) व एक हाइड्रॉक्सिल वर्ग (OH) दूसरे कार्बन अणु से जुड़ा होता हैं।
5. होलोएंजाइम =
एपोएंजाइम + सहएंजाइम
6. वसीय अम्ल (Fatty
acids), एल्कोहॉल के एस्टरस एवं उनसे संबंधित पदार्थ लिपिड होते है। पॉलीसैकेराइड, मोनोसैकेराइड के बहुलक (Polymers) होते है। प्रोटीन अमीनो अम्ल (Amino
acids) के एवं न्यूक्लिक एसिड न्यूक्लियोटाइड के बहलक होते है।
7. राइबोजाइम एक राइबोन्यूक्लिक अम्ल (RNA) एन्जाइम है जो कि प्रोटीन एन्जाइम को एक समान तरीके से एक रासायनिक प्रतिक्रिया को कैटेलाइज करता है। ये राइबोसोम में पाया जाता है। इसलिए इसे कैटेलीटिक RNAs कहते है।
8. विभिन्न प्रकार के बंधो द्वारा प्रोटीन की तृतीयक संरचना या 3D संरचना को स्थिर किया जाता है जैसेहाइड्रोजन बंध, आयनिक बंध, वाण्डरवाल अन्तःक्रिया, सहसंयोजी बंध और हाइड्रोफोबिक बंध।
9. ग्लाइसीन एक उदासीन एमीनो अम्ल है। सिस्टीन व मिथियोनीन सल्फर युक्त एमीनो अम्ल है।
10. उदासीन या सत्य वसा अणु ट्राइग्लिसराड होते हैं जो वसीय अम्ल के तीन अणु व एक अणु ट्राइहाइड्रिक एल्कोहल व ग्लिसराल के एस्टरीफिकेशन द्वारा बनता है।
11. काइटिन एक पॉलीसै के राइड है, इसमें N-एसीटाइल D-ग्लूकोसेमिन, जो ग्लूकोज के व्युत्पन्न है, की श्रृंखला होती है। काइटिन संरचनात्मक तौर पर सेलुलोज के समान होती है तथा विभिन्न अकशेरूकीय जीवों में सहायक संरचना को मजबूती देने का कार्य करता है। यह कवक की कोशिका भित्ति तथा कीट तथा अन्य आर्थोपोडा के बाह्य कंकाल में एक महत्वपूर्ण घटक होता है।
12. एक फॉस्फोडाइएस्टर बंध दो फॉस्फोरिक एसिड के हाइड्रॉक्सिल समूह के बीच बनता है। यह बन्ध DNA
के स्ट्रेन्ड के न्यूक्लिक एसिड की रीढ़ (Back
bone) का निर्माण करते हैं।
13. एक अनअपचायक शर्करा में एक मुक्त एल्डिहाइड या कीटोनिक समूह अनुपस्थित होता है। सुक्रोज एक अन-अपचायक शर्करा है जो ग्लूकोज एवं फ्रक्टोज के एक-एक अणु के संघनन के द्वारा बनती है व जल का एक अण मुक्त होता है। ग्लाइकोसाइडिक बन्ध ग्लूकोज के 1st कार्बन व फ्रक्टोज के 2nd कार्बन के बीच बनता है।
14. सक्सीनेट डीहाइड्रोजिनेज कि क्रियाशीलता में मेलोनेट के द्वारा कमी आना प्रतिस्पर्धात्मक संदमन का एक उदाहरण है। प्रतिस्पर्धात्मक संदमन एक प्रतिवर्ती संदमन है। जहाँ संदमनकारी सामान्य अभिकारक के साथ एन्जाइम के सक्रिय स्थल के लिए प्रतिस्पर्धा करता है। एक प्रतिस्पर्धात्मक संदमनकारी सामान्यतः अभिकारक के समान होता है इसलिए यह एन्जाइम के सक्रिय स्थल पर जुड़ सकता है अब एन्जाइम अभिकारक से क्रिया नहीं का पाता है जिससे अभिक्रिया उत्पाद नहीं बनता है। इस प्रकार एन्जाइम कि क्रियाशीलता या तो कम हो जाती है या संदमित हो जाती है यदि प्रतिस्पर्धात्मक संदमनकारी अस्थायी रूप से एन्जाइम के सक्रिय स्थल से जुड़ता है तो एन्जाइम कि क्रियाशीलता हमेशा के लिए प्रभावित नहीं होती है अतः सक्सीनेट की अत्यधिक मात्रा से मेलोनेट द्वारा सक्सीनेट डीहाइड्रोजिनेज में हुए संदमन को पुनः सामान्य किया जा सकता है।
15. काइटिन
एक पॉलीसै के राइड है, इसमें N-एसीटाइल D-ग्लूकोसेमिन, जो ग्लूकोज के
व्युत्पन्न है, की श्रृंखला होती है। काइटिन संरचनात्मक तौर पर सेलुलोज के
समान होती है तथा विभिन्न अकशेरूकीय जीवों में सहायक संरचना को मजबूती देने
का कार्य करता है। यह कवक की कोशिका भित्ति तथा कीट तथा अन्य आर्थोपोडा के
बाह्य कंकाल में एक महत्वपूर्ण घटक होता है।
1 comments:
Write commentsBiomolecules NEET Important Notes, Overview and Types
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