NEET-Cell Cycle and Cell Division(कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन) Previous Year Questions with explanation in hindi


कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन

(Cell Cycle and Cell Division)

Previous Year Questions

Note:- प्रीवियस ईयर के questions रिपीट होते हैं तो इसे ध्यान से पढ़ें

1.  G0  प्रावस्था में कोशिकाएँ(2019)

(a) कोशिका चक्र को समाप्त कर देती हैं

(b) कोशिका चक्र से बाहर निकल जाती है

(c) कोशिका चक्र में प्रवेश करती हैं ।

(d) कोशिका चक्र को स्थगित कर देती हैं

 

2. युग्मित समजात गुणसूत्रों का पृथक्करण किस प्रावस्था में आरम्भ होता है(2019)

(a)  पारगतिक्रम              

(b) द्विपट्ट

(c) स्थूलपट्ट

(d) युग्मपट्ट


3. निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प सूत्री विभाजन के दौरान होने वाली घटनाओं का सही अनुक्रम दर्शाता है?(2017)

(a) संघनन केंद्रक झिल्ली का विघटन जीन विनिमयपृथक्करण अंत्यावस्था 

(b) संघनन केंद्रक झिल्ली का विघटन मध्य रेखा पर व्यवस्था गुणसूत्रबिंदु का विभाजन पृथक्करण अंत्यावस्था

(c) संघनन जीन विनिमय केंद्रक झिल्ली का विघटनपृथक्करण अंत्यावस्था

(d) संघनन मध्य रेखा पर व्यवस्था गुणसूत्रबिंदु का विभाजन पृथक्करण -अंत्यावस्था


4. ऐनाफेस प्रोमोटिंग कॉम्प्लेक्स (APC) जन्तु कोशिका में समसूत्री विभाजन के सुचारू रूप से होने के लिए आवश्यक प्रोटीन डीग्रेडेशन मशीनरी है। यदि मानव कोशिका में APC त्रुटिपूर्ण है तो निम्न में क्या घटित होगा(2017)

(a) गुणसूत्र संघनित नहीं होंगे

(b) गुणसूत्र खंडित हो जाएगें

(c) गुणसूत्र पृथक् नहीं होंगे

(d) गुणसूत्र भुजाओं में पुनर्योजन होगा


5. कोशिका वृद्धि के दौरान,DNA का संश्लेषण किस प्रावस्था में होता है(2016)

(a) G2 प्रावस्था

(b)  M  प्रावस्था

(c) प्रावस्था

(d) G1 प्रावस्था


6. जब कोशिका में DNA प्रतिकृतियन द्विशाख रूक जाता है, तब किस जाँच-बिन्दु को प्रभावी रूप से सक्रियित करना चाहिये(2016)

(a) M

(b) G2/M  और M दोनों

(c) G1/S                

(d) G2/M


7. तर्कुरूपी तंतु लगते हैं (2016)

(a) गुणसूत्र के सूत्रकेन्द्र पर

(b) गुणसूत्र के काइनेटोसोम पर

(c) गुणसूत्र के अंत्यांश पर

(d) गुणसूत्र के काइनेटोकोर पर


8. कायिक कोशिकाओं में समसूत्रण के दौरान निम्नलिखित में से कौन-सा लक्षण नहीं पाया जाता?(2016)

(a) गुणसूत्र गति

(b) सूत्रयुग्मन

(c) तर्कुरूपी तंतु

(d) केन्द्रिका का विलोपन


9. अर्द्धसूत्री विभाजन में जीन विनिमय किस अवस्था में आरम्भ होता है(2016)

(a) युग्मपट्ट               

(b) द्विपट्ट 

(c) स्थूलपट्ट      

(d) तनुपट्ट

 

10. कोशिका चक्र के एसप्रावस्था में क्या होता है(2014)

(a) प्रत्येक कोशिका में DNA की मात्रा दोगुनी हो जाती है।

(b) प्रत्येक कोशिका में DNA की मात्रा वही रहती है।

(c) गुणसूत्र की संख्या अधिक हो जाती है।

(d) प्रत्येक कोशिका में DNA की मात्रा आधी रह जाती है।


 उत्तर (Answer) 

1.  (b)
2.  (b)
3.  (b)
4.  (c)
5.  (c)
6.  (d)
7.  (d)
8.  (b)
9.  (c)
10. (a)


व्याख्या (Explanation)  

1. वयस्क जंतुओं की कुछ कोशिकाएँ विभाजन पदर्शित नहीं करती है। (उदाहरण: हृदय कोशिका) कुछ अन्य कोशिकाएँ भी कभी-कभी चोट लगने या कोशिका की मृत्यु के कारण उनकी जगह लेने के लिए ही विभाजन करती है। ऐसी कोशिकाएँ जो विभाजन नहीं करतीं और G1 प्रावस्था से निकलकर एक निष्क्रिय प्रावस्था में प्रवेश कर जाती हैं, जिसे कोशिका चक्र की शांत अवस्था (G0) कहते हैं। इस अवस्था में कोशिका उपापचयी रूप से सक्रिय रहती है परन्तु जब तक इसके पास जीव की आवश्यकतानुसार कोई विशिष्ट संदेश नहीं आता तब तक इसमें प्रचुरोद्भवन (Proliferation) नहीं होता है।


2. द्विपट्ट (Diplotene) के दौरान न्यूक्लियोप्रोटीन सिनेप्टोनीमल सम्मिश्र का आंशिक विघटन होता व समजात गुणसूत्र विनिमय बिंदु के अतिरिक्त एक दूसरे से अलग होने लगते हैं।


3. संघनन → केंद्रक झिल्ली का विघटन → मध्य रेखा पर व्यवस्था → गुणसूत्रबिंदु का विभाजन → पृथक्करण → अंत्यावस्था


4. समसूत्री विभाजन के एनाफेज के दौरान सिस्टर क्रोमेटिड विपरीत ध्रुवों पर जाते है इसलिए खराब APC गुणसूत्र पृथक्कीकरण (Chromosome Segregation) को प्रभावित करेंगे।


5. कोशिका चक्र की S-phase (संश्लेषण अवस्था) में, गुणसूत्रों का रेप्लीकेशन होता है। DNA अणु एक टेम्प्लेट की तरह कार्य करता है। और कार्बन कॉपी का निर्माण करता है। DNA की मात्रा दुगुनी हो जाती है जैसे-1C से 2C अगुणित कोशिका के लिए और 2C से 4C हो जाती है, द्विगुणित कोशिका के लिए। परिणामस्वरूप जीन का डुप्लीकेट सेट का निर्माण हो जाता है। DNA के रेप्लीकेशन के साथ नये क्रोमेटीन रेशे बन जाते है, जो कि इस प्रकार जोड़े में जुड़े रहते है। गुणसूत्रों की संख्या नहीं बढ़ती है। क्रोमेटीन रेशे के गुणसूत्र लम्बे होते है। प्रत्येक गुणसूत्र में दो क्रोमेटीन धागे या सिस्टर क्रोमैटिड होते है जो कि एक साधारण बिन्दु से जुड़े रहते है जिसे सेन्ट्रोमीयर कहते है।


6. यदि कोशिका में DNA  रेप्लीकेशन फॉर्क होता है तो यह (G या G साइक्लीन कोशिका चक्र को पार कर S-phase में प्रवेश कर जाती है। जहाँ ये गुणसूत्र के रेप्लीकेशन की तैयारी कर रहे होते है। इसके बाद यह G2 Phase में प्रवेश करेगा जल्दी ही यह माइटोटिक साइक्लीन (CM) द्वितीयक जाँच बिन्दु कहलाता है जो कि G2 और M-Phase के मध्य की प्रावस्था है।


7. सेन्ट्रोमीयर की सतह पर छोटी डिस्कनुमा संरचना पायी जाती है जिसे काइनेटोकोर कहते हैं। ये संरचनाएँ क्रोमोसोम को तर्कु तन्तु से जुड़ने के लिए स्थल उपलब्ध कराते हैं जिससे क्रोमोसोम कोशिका के मध्य में आ जाते


8. समजात गुणसूत्रों के जोड़े बनने की प्रक्रिया को सिनेप्सिस कहते हैं। यह प्रक्रिया अर्धसूत्री विभाजन के प्रोफेज-प् कि उप-प्रावस्था जाइगोटीन में सम्पन्न होती है।


9. जीन विनिमय एक प्रक्रिया है जिसमें समजात गुणसूत्रों के असंतति अर्द्धगुणसूत्रों के बीच आनुवंशिक पदार्थों का आदान-प्रदान होता है। यह अर्द्धसूत्री विभाजन की पैकीटीन अवस्था में प्रारंभ होती है।


10S-प्रावस्था के दौरान DNA का प्रतिलिपिकरण होता है न्यूक्लिओटाइड जम जाते हैं तथा DNA अणु संश्लेषित होते हैं जिसके कारण प्रत्येक कोशिका में S-प्रावस्था में DNA की मात्रा दुगुनी हो जाती है।

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Admin
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9 November 2021 at 19:26 delete

Adsense approval नहीं मिला क्या

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